#49

Bhajan Marg
14 Views · 10 months ago

00:00 - कभी तो मन कहता है कि आचार्य व गुरुदेव ने निहाल कर दिया और कभी मन जलता है कि अभी वही खड़ा है। मार्गदर्शन कीजिए।04:47 - महाराज जी, विरक्ति मार्ग में चलने की सामर्थ्य नही और गृहस्थी मार्ग में जाने से भय लगता है, क्या करें?06:33 - धाम से बाहर जैसी व्याकुलता और चिंतन होता है वैसा धाम में आकर क्यों नही होता?09:23 - सिद्ध होने पर कौन सा मंत्र चलता है, नाम, शरणागति मंत्र या निज मंत्र?13:51 - क्या कोई ऐसा तप या साधना है जिससे आप गुरु रूप में मिलते हों?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg