#34

Bhajan Marg
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*एकांतिक वार्तालाप 34*00:00 - ममता, मोह, माया के आवरण से कैसे निकला जाए?02:34 - माया मुझे खींच रही है, परंतु मै इस माया में फसना नही चाहती, क्या करूं?08:35 - विकारों को क्षण भर में काटकर, तदात्म होकर नाम जप या वाणी पाठ कैसे करें?14:34 - इस शरीर से बहुत पाप हुए हैं, प्रायश्चित कैसे हो?17:09 - गुरुदेव बहुत प्रयास करने के बाद भी नाम मंत्र लिखते समय स्पष्ट नही होता?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg