Up next

Ekantik Vartalaap & Darshan 653 By Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj 31-08-2024

3 Views· 08/31/24
Bhajan Marg
Bhajan Marg
9 Subscribers
9

00:00 - मन बार-बार काम और क्रोध में गिरा देता है, बाद में बहुत अफसोस होता है !08:12 - बदलाव तो सब चाहते हैं पर यह क्यों संभव नहीं हो पा रहा है ?14:30 - भाई जी महाराज के बताए तीन सूत्रों में से तीसरा सूत्र "सब में भगवान को देखना" यह संभव नहीं हो पा रहा है, क्या करूं ?17:06 - सांसों के ध्यान की यात्रा ठीक रहती है लेकिन रोम-रोम तक पहुंच नहीं पता !18:34 - क्या करें कि भगवान का जागृत, स्वपन और सुषुप्ति कभी भी विस्मरण ना हो ?22:02 - बच्चों और वृद्धों के लिए स्कूल व आश्रम का निर्माण चल रहा है पर सत्संग सुनने के बाद मन नहीं लगता, क्या करूं ?26:39 - इतने सम्प्रदायऔर भजन मार्ग क्यों, अगर भगवान एक ही हैं तो ?29:59 - महाराज जी ने दो ब्रह्मचारिणी साधिकाओं को क्या सावधानियाँ रखने को बोला व चार महत्वपूर्ण प्रश्न !Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham premanand maharajpremanand maharaj bhajanpremanand maharaj satsangpremanand maharaj vrindavanpremanand ji maharajpremanand ji maharaj bhajanpremanand ji maharaj satsangpremanand ji maharaj vrindavanpremanand ji maharaj ka satsangpremanand ji maharaj ke pravachanpremanand ji maharaj radha naam kirtanbhajan marg motivationpremanand ji maharaj pravachanekantik vartalaapekantik vartalap premanand ji
source:-
https://youtu.be/ldZXsN__sSI?si=UMuV_5cslZdWE4jX

Show more

 0 Comments sort   Sort By


Up next