Ekantik Vartalaap & Darshan 654 By Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj 01-09-2024
00:00 - संकट आने पर मन तनावयुक्त व घबरा क्यों जाता है, भगवान पर विश्वास होने पर भी ?05:59 - एक ज्ञानी और भक्त की स्वप्न और सुषुप्ति अवस्था किसी अज्ञानी से कैसे भिन्न होती है ?14:15 - हम बृजवासी ब्राह्मण हैं, कुछ यात्री हमें आमनिया सामान दे जाते हैं, क्या हमें वह लेना चाहिए या नहीं ?18:35 - जैसे जगने पर स्वप्न मिथ्या लगता है, क्या यह संसार भी वैसे ही मिथ्या है ?23:26 - भगवान सर्वशक्तिमान हैं तो उन्होंने मनुष्य को ऐसा क्यों नहीं बनाया कि वह पाप ही ना करें ?32:57 - भगवान आदि गुरु शंकराचार्य जी ने लिखा है कि सारे कर्म भगवान को समर्पित करदो पर बुरे कर्म कैसे समर्पित करें ?41:35 - क्या बच्चों के अच्छे-बुरे संस्कार के उत्तरदायी माँ-बाप होते हैं ?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham /premanand maharajpremanand maharaj bhajanpremanand maharaj satsangpremanand maharaj vrindavanpremanand ji maharajpremanand ji maharaj bhajanpremanand ji maharaj satsangpremanand ji maharaj vrindavanpremanand ji maharaj ka satsangpremanand ji maharaj ke pravachanpremanand ji maharaj radha naam kirtanbhajan marg motivationpremanand ji maharaj pravachanekantik vartalaapekantik vartalap premanand ji
source:- https://youtu.be/yisQ3nJLXa8?feature=shared