#51/ एकांतिक वार्तालाप/ 25-12-2022/ Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg
00:00 - किसी के घर या समारोह में खाना न खाने पर हमारे शरीर संबंधी उसे हमारे अहंकार या प्रतिष्ठा से जोड़ते है, क्या करें?06:51 - परिवार के जन कुछ कहते हैं तो संयम में न रहकर आवेश में प्रति उत्तर निकल जाता है, इस स्थिति में धैर्य कैसे धारण करें?08:57 - हम ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए भगवत् मार्ग में आगे बढ़ना चाहते हैं, मार्गदर्शन कीजिए।11:08 - माता पिता की सेवा करते हुए भजन मार्ग में आगे कैसे बढ़ें?12:54 - अभी पढ़ाई करना पड़ता है, ऐसे में क्या हम श्रीजी की प्राप्ति के मार्ग से वंचित हो जाएंगे?20:04 - क्या किसी गृहस्थ साधक को भंडारा आदि में पाना चाहिए?22:20 - प्रेम की दशा में साधक गुरु प्रदत्त नियम करता है या श्रीजी को पुकारता रहता है?25:00 - एक संत वेशधारी ने कहा कि चाय पिलाओ या बद्दुआ लगेगी, ऐसी स्थिति में क्या करें?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg