Ekantik Vartalaap & Darshan 640 By Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj 18-08-2024
00:00 - अगर बुरी आदतें नहीं छूटी और प्राण निकल गए तो क्या होगा ?08:26 - जड़ से चेतन का ज्ञान तो हो नहीं सकता फिर आत्म-साक्षात्कार किसे होता है ?20:12 - क्या सद्कामनाएं भगवत् प्राप्ति में बाधक बनती हैं ?24:34 - नाम जप के समय नामी में अखंड वृत्ति नहीं लगती, कुछ उपाय बताएं !30:30 - कल्याण और भगवत् प्राप्ति कैसे अलग है ?36:06 - ध्यान की पराकाष्ठा क्या है ?37:26 - पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करते-करते भजन के लिए समय ही नहीं मिलता ! 45:31 - जीव-जंतुओं की सेवा में मेरा मन ज्यादा लगता है, मुझे भगवान कैसे मिलेंगे ?8:42 - जीव हत्या पाप है या अपराध ?52:25 - हम जो कर रहे हैं वो सही है या गलत कैसे जाने ? Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham /premanand maharajpremanand maharaj bhajanpremanand maharaj satsangpremanand maharaj vrindavanpremanand ji maharajpremanand ji maharaj bhajanpremanand ji maharaj satsangpremanand ji maharaj vrindavanpremanand ji maharaj ka satsangpremanand ji maharaj ke pravachanpremanand ji maharaj radha naam kirtanbhajan marg motivationpremanand ji maharaj pravachanekantik vartalaapekantik vartalap premanand ji