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Ekantik Vartalap Bhag 548 By Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj Vrindavan 12-05-2024

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Bhajan Marg
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#548 एकांतिक वार्तालाप / 12-05-2024/ Ekantik Vartalaap / Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj - नौकरी-पेशे वाला व्यक्ति अपने उद्धार के लिए कितना नाम जप करे ?08:03 - आप कहते हैं कि विकारों को सहो और आप ही ने कहा है कि अगर थोड़ा भी प्रकृति में आकर्षण है तो प्रवृत्ति मार्ग में जाओ ऐसे में हम क्या करें ?10:31 - अगर पशुओं को आखिरी समय में नाम सुनाया जाए तो क्या उनका उद्धार हो जाएगा ?16:57 - क्या रज या रज के पात्र ब्रज से बाहर ले जा सकते हैं ?19:39 - क्या माताएं अशुद्ध-अवस्था में परिक्रमा, मंत्र जप, नाम जप आदि कर सकती हैं ?21:14 - आप कहते हैं कि भगवत् मार्ग की अनुभूतियां साझा नहीं करनी चाहिए तो फिर उनसे संबंधित प्रश्नों के उत्तर कैसे प्राप्त होंगे ? 24:39 - भगवत् प्राप्ति की चाह है पर ऐसा लगता है कि समय बहुत कम है और रास्ता बहुत लंबा !33:07 - गीता में श्री कृष्ण अर्जुन को तत्वदर्शी गुरु से परमात्मा के विषय में जानने के लिए कहते हैं तो क्या श्री कृष्ण के अलावा भी कोई और परमात्मा है ?43:40 - अगर आपने अधर्म का धन कमाया है और अब आप प्रायश्चित करना चाहते हैं तो यह करें ?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham premanand maharajpremanand maharaj bhajanpremanand maharaj satsangpremanand maharaj vrindavanpremanand ji maharajpremanand ji maharaj bhajanpremanand ji maharaj satsangpremanand ji maharaj vrindavanpremanand ji maharaj ka satsangpremanand ji maharaj ke pravachanpremanand ji maharaj radha naam kirtanbhajan marg motivationpremanand ji maharaj pravachanekantik vartalaapekantik vartalap premanand ji

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Vivek Gupta
Vivek Gupta 6 months ago

गुरुदेव के चरणों में कोटि-कोटि नमन

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