Ekantik Vartalap Bhag 554 By Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj Vrindavan 18-05-2024
#554 एकांतिक वार्तालाप / 18-05-2024/ Ekantik Vartalaap / Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj - ब्रह्मा, विष्णु, महेश, दुर्गा जी, लक्ष्मी जी, इनमें से किसका नाम जपूँ, कौन सर्वश्रेष्ठ है ?09:06 - महाराज जी मैंने बहुत पाप किये हैं, महादेव जी ने मुझे आपके पास भेजा है मेरा उद्धार करें !13:42 - क्या मनुष्य के प्रारब्ध उससे अच्छे या बुरे कर्म कारवाता हैं ?16:56 - जैसा भाव भक्तों को प्राप्त हुआ है वैसा भाव प्राप्त करने के लिए कैसी दिनचर्या और भजन होना चाहिए ?22:49 - गुस्से में अगर किसी के लिए बद्दुआ निकल जाए तो क्या वापस लिया जा सकता है ?24:00 - डर लगता है हम भी इस माया में फंस गये तो क्या होगा ?28:16 - जीवन भर भजन किया हो पर अंतिम सांस बेहोशी में निकल जाए तो उसकी क्या गति होगी ?34:31 - थोड़ा बहुत भजन करते हैं और बाकी समय सांसारिक कार्य तो हमारी क्या गति होगी ?41:31 - भजन में चलता हूँ तो परिवार छूटता है और परिवार को लेकर चलता हूँ तो भजन, अब क्या करूँ ? Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham premanand maharajpremanand maharaj bhajanpremanand maharaj satsangpremanand maharaj vrindavanpremanand ji maharajpremanand ji maharaj bhajanpremanand ji maharaj satsangpremanand ji maharaj vrindavanpremanand ji maharaj ka satsangpremanand ji maharaj ke pravachanpremanand ji maharaj radha naam kirtanbhajan marg motivationpremanand ji maharaj pravachanekantik vartalaapekantik vartalap premanand ji
महाराज जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन