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Ekantik Vartalap Bhag 576 By Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj 09-06-2024

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Bhajan Marg
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#576 एकांतिक वार्तालाप / 09-06-2024/ Ekantik Vartalaap / Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj - कितना नाम जपुँ कि मेरे अपनों का रोग दूर हो जाए ?03:35 - नाम जप करता हूं तो मन हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा में या आपके पास चले जाता है !06:37 - अगर मनुष्य शरीर के लिए देवता भी तरसते हैं तो फिर हमें मुक्त होना क्यों जरूरी है ?08:51 - नाम जप, श्रवण, कीर्तन, भजन आदि का क्या एक ही फल है ?09:31 - भीड़-भाड़ की जगह पर बहुत गुस्सा आता है, क्या करूँ ?11:39 - गुरुमुख से मिले महावाक्य से ब्रह्म का ज्ञान/बोध कैसे होता है ?16:51 - भगवद् प्राप्ति कठिन है या भोगासक्ति को त्यागना कठिन है ?22:32 - भजन साधन करने पर जो सुख-संपत्ति मिलती है, उसका क्या करें ?26:25 - मंदिर में पुजारी हूँ, लोग पांव छूते हैं तो हृदय में बहुत जलन होती है, क्या करूं ?28:44 - पुणे से आए सन्यासी महात्मा जी ने बड़ी गजब की बात करी , जरा ध्यान से उत्तर सुनिये !47:54 - जब दिल और दिमाग दोनों काम करना बंद कर दें, तो क्या करें ?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham premanand maharajpremanand maharaj bhajanpremanand maharaj satsangpremanand maharaj vrindavanpremanand ji maharajpremanand ji maharaj bhajanpremanand ji maharaj satsangpremanand ji maharaj vrindavanpremanand ji maharaj ka satsangpremanand ji maharaj ke pravachanpremanand ji maharaj radha naam kirtanbhajan marg motivationpremanand ji maharaj pravachanekantik vartalaapekantik vartalap premanand ji

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Vivek Gupta
Vivek Gupta 5 months ago

गुरुदेव के चरणों में कोटि-कोटि नमन

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