एकांतिक वार्तालाप 162 Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg 21-04-2023/
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01/29/24
00:00 - एक साधारण नाम जापक किस प्रकार उत्कृष्ट नाम आश्रयी, नाम निष्ठ और नामाग्रही बन सकता है ?06:10 - साधन से प्यार कैसे करें? प्यार नहीं है इसलिए दीर्घकाल तक उसमे तत्परता कि कमी हो जाती है । 16:16 - साधन पथ पर दृढ़ता व उत्साह बना रहे उसके लिए क्या उपाय है ?23:14 - गुरु व भगवतकृपा अनुभव भी करते है परंतु फिर भी सांसारिक भय सताए तो क्या करे ?25:36 - पत्नी कहती है भगवान से बच्चों के लिए मांगों हम नहीं मांगते तो वो नाराज हो जाती है । Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg
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