एकांतिक वार्तालाप 170 Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg 29-04-2023/
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01/29/24
00:00 - कुछ लोगों के संपर्क से नास्तिक हो गया था, कृपा करें ।04:39 - पुत्र की मृत्यु के बाद मन मे बहुत भय बना रहता है कृपया मार्गदर्शन करें । 07:06 - कर्मकांडी हूँ शरणगति के बाद से संध्या वंदन इत्यादि छोड़कर मंत्र का ही जाप करता हूँ परंतु जब आचार्यों के बीच रहता हूँ तो ये सब ना करने से असहज सा महसूस करता हूँ मार्गदर्शन करें। 10:06 - सेवित श्री विग्रह की हमेशा चिंता बनी रहती है की अगर कभी उनसे दूर होना पड़ा तो उनकी सेवा कैसे होगी, मार्गदर्शन करें । 11:56 - मंत्र मे ज्यादा देर मन नहीं रूकता पर राधवालाभ जी और गुरु चरण पर मन सहज ही लग जाता है । Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg
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