एकांतिक वार्तालाप 171 Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg 30-04-2023/
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01/29/24
00:00 - भय लगता है मेरे अपने सब एक दिन छोड़ देंगे !संतों की कृपा से बड़े-2 राक्षस भी साधु बन जाते है क्या ये उनका पूर्व कर्मों से तय होता है या सिर्फ संत कृपा से होता है ?मैं शिव जी की आराधना करती हूँ जबसे आपको गुरु माना है राधा नाम का जाप कर रही हूँ, क्या मुझसे महादेव रुष्ट तो नहीं हो जाएंगे ?सब श्रीजी की इच्छा से होरा है तो फिर हमारे अच्छे और बुरे कर्म कैसे हुए ?शिव परम वैष्णवाचार्य है पर फिर भी कुछ वैष्णव उनका अनादर करते हैं ऐसा क्यों ?प्रायः देखते है की भगवान भक्त के पुकारने पर ही आते हैं तो श्रीजी भी स्मरण करने पर ही आती है क्या ? Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg
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