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एकांतिक वार्तालाप 157 Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg 16-04-2023/

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Bhajan Marg
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00:00 - मन बहुत अशांत रहता है, कहीं नहीं लगता मार्गदर्शन करें ।06:33 - श्रीजी की कृपा से करोड़ों जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं तो तो फिर आपका kidney रोग तो आपके ना चाहते हुए भी स्वत: ही नष्ट हो जाना चाहिए था । 11:09 - मृत्यु का समय और स्थान, विवाह, इत्यादि पहले से निर्धारित है इसमे कितनी सच्चाई है और कितना प्रारब्ध ?15:00 - पति और पुत्र मे बहुत मोह है जानती हूँ एक दिन शरीर हो छोड़ना है पर फिर भी भय नहीं जाता क्या करूँ ?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg

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