اگلا

एकांतिक वार्तालाप 159 Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg 18-04-2023/

8 مناظر· 01/29/24
Bhajan Marg
Bhajan Marg
9 سبسکرائبرز
9
میں

00:00 - पहले माँस-मदिरा का सेवन व व्यभिचार करता था अब सब छोड़ दिया है । 02:47 - भगवत प्राप्ति का लक्ष्य लेके भागदौड़ लगी हुई है जिससे मन बहुत अशांत व विचलित रहता है, क्या करूँ ?09:48 - हनुमान चालीसा व रामायण पढ़ने के क्या नियम हैं ? क्या अशुद्ध अवस्था मे जप कर सकते हैं ?11:50 - अगर किसी के अंतिम समय पर बिहारीजी की तुलसी, चरणामृत और गोपी चंदन, हरि नाम, गीत पाठ सुनने को मिले तो उसकी गति क्या होगी ?12:24 - क्या अगर पत्नी और बच्चों पर क्रोध किया तो नाम जप से मिलने वाले पुण्य मे हानि होगी ?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg

مزید دکھائیں

 0 تبصرے sort   ترتیب دیں


اگلا