एकांतिक वार्तालाप 177 Ekantik Vartalaap/ Bhajan Marg 06-05-2023/
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01/29/24
00:00 - आपके जैसे नम्र व्यवहार, शीतलता, सौम्यता कैसे लाएं ?02:38 - क्या प्रिय जानकी जी और श्रीजी एक ही हैं ?07:17 - मेरा मन मानव हित मे चिकित्सा कार्य करने मे लगता है, सेवा और भक्ति मे Balance कैसे करूँ ?17:20 - कई सालों से संसार से विरक्त हूँ, 20 साल से गायत्री अनुष्ठान भी किया अभी सीता-राम जी की उपासना करता हूँ, परम तत्व का प्रकाश कैसे हो मार्गदर्शन करें । 21:08 - भगवत स्वरूप होने पर अगर हम ही भगवान बन जाएंगे तो हमे भगवान का आनंद कैसे मिलेगा ?Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham #bhajanmarg
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